सोमवार, फ़रवरी 12, 2018

उसने कहा कुछ और, मैंने सुना कुछ और..!!

उसने कहा कुछ और, मैंने सुना कुछ और
कुछ और कहने सुनने को, इश्क कहते हैं क्या

जफा, वफ़ा लगे है या रब इस दौर में
इसी हसीन दौर को, इश्क कहते हैं क्या

उसने जुल्म किया और हम हंस के सह गए
हंस के जुल्म सहने को, इश्क कहते हैं क्या

आती नही है नींद और हम सोये हुए से हैं
जगते हुए सोने को, इश्क कहते हैं क्या

मुसलसल जारी हैं सांस पर जिन्दा नहीं हैं हम
मरते हुए जीने को, इश्क कहते हैं क्या

मैं जो दर्द-ए-दिल कहूँ, दुनिया शायरी कहे है
सुखन-ए-दर्द-ए-दिल को, इश्क कहते हैं क्या

अनुराग अनंत

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